डेढ़ साल में भाजपा सरकार ने चौथी बार बढ़ाएं बिजली के दाम:कुलबीर

डेढ़ साल में भाजपा सरकार ने चौथी बार बढ़ाएं बिजली के दाम:कुलबीर

योजनाएं भाजपा अपने तिजोरी भरने और जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाने बनाती है
राजनांदगांव।
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार डेढ़ साल में चौथी बार बिजली के दामों में वृद्धि कर रही है। 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि कर प्रदेश की गरीब जनता की जेब को फिर लूटने जा रही है प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बिजली के दामों में की गई वृद्धि को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देशानुसार शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा व ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार 15 जुलाई को प्रेसवार्ता ली।
प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर लुटने का काम भाजपा सरकार ने किया है। घरेलू खपत पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, गैर घरेलू बिजली की दर पर 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी गई है। सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि करके की गई है। छत्तीसगढ़ के किसान इस सरकार की दुर्भावना और उपेक्षा के चहते पहले ही खाद, बीज और बिजली कटौती से परेशान है, अब कृषि पंप में बिजली की दर बढ़ाकर किसानों की कमर तोड़ रही है भाजपा सरकार, इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में जनता को लूटने के तरह- तरह के हथकंडे अपनाएं जाते है। 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने हर साल बिजली के दामों में वृद्धि की। 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रूपए 30 पैसे के दर पर बिजली मिला करती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमन सिंह के समय ही 6 रूपए 40 पैसे तक बढ़ाया गया, जिसे चुनाव वर्ष 2018 में मात्र 20 पैसे घटकर 6 रूपया 20 पैसे किया गया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पूरे 5 साल का नेट वृद्धि यदि देखे तो मात्र दो पैसे का था, जो ऐतिहासिक तौर पर सबसे न्यूनतम था।
अध्यक्ष श्री छाबड़ा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने बिजली के घाटे को पाटते हुए बिजली बिल ऑफ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड़ रूपए के सब्सिडी देकर बहुत बड़ी राहत दी थी। किसानों को 5 एचपी तक निःशुल्क बिजली दिया, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुक्त बिजली दी गई। अस्पतालों, उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली देकर राहत पहंुचाया। भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेशभर में बिजली की कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बढ़ाई जाने लगी है। कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है। भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी एसी का मजा लूट रहे, कई सरकारी विभाग बिजली का बकाया बिल जमा नहीं कर रहें, सरकारी उपक्रमों और सरकार के चहेतों का करोड़ों का बिजली बिल का भुगतान लंबित है, उसकी वसूली भी जनता से कर रही है सरकार सत्ता के संरक्षण में बिजली चोरी और लाइन लॉस के मामले बढ़े है, जिसके चलते हो रहे नुकसान की भरपाई भी जनता से वसूली करके करना चाहती है यह सरकार केन्द्र की मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते बिजली का उत्पादन लागत बढ़ा है, कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा दिए, रेलवे का माल भाड़ा अधिक वसूल रहे हैं, थर्मल पॉवर प्लांट को अडानी की कंपनी से महंगे दर पर कोयला खरीदने बाध्य किया जा रहा है, डीजल पर सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने से परिवहन में और फायर के लिए उपयोग होने वाले डीजल की लागत बढ़ी है जिसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाकर किया जा रहा है। प्रदेशभर में अनाप-शनाप बिजली बिल आने की शिकायत लगातार आ रही है, स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है, अब तो जनता को लूटने के लिए अडानी की कंपनी का प्रीपेड मीटर भी लगाने की तैयारी है। भाजपा सरकार पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही है, अघोषित कटौती रोज-रोज जारी है, उपर से सरकार ने बिजली के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी करके जनता की जेब में डकैती डाला है। कांग्रेस पार्टी सरकार के ऐसे अन्यायपूर्ण फैसले का विरोध करती है, सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी। प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री धनेश पाटिला, श्रीकिशन खंडेलवाल, पदम कोठारी, संभागीय प्रवक्ता कमलजीत सिंह पिन्टू, पीसीसी सचिव मेहुल मारू, पूर्व महापौर हेमा देशमुख, जिपं सदस्य महेन्द्र यादव, पंकज बांधव, शहर उपाध्यक्ष मोहम्मद यहया, महामंत्री हनी ग्रेवाल, उत्तर ब्लॉक अध्यक्ष आसिफ अली, दक्षिण ब्लॉक अध्यक्ष सूर्यकांत जैन, शौर्य वैष्ण्व उपस्थित थे।
बाक्स में….
घरेलू बिजली की दर में वृद्धि निम्नानुसार
साल बिजली की दर
2003-04 3.30
2017-18 6.40 (़3.10)
(रमन सरकार में कुल वृद्धि 3 रूपए 10 पैसे अर्थात 94 प्रतिशत)
2018-19 6.20
2019-20 5.93 (.27)
2020-21 5.93 (0)
2021-22 6.08 (़15)
2022-23 6.22 (़12)
2023-24 6.22 (0)
(कांग्रेस सरकार के 5 साल में कुल वृद्धि मात्र .02 रूपए या 2 पैसे अर्थात केवल 0.32 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई)
2023-24 6.22
वर्तमान में 7.02 (़80)
(भाजपा की वर्तमान साय सरकार के डेढ़ साल में कुल वृद्धि 80 पैसे अर्थात 13 प्रतिशत बढ़ोतरी)

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