राजयोग के द्वारा आंतरिक शक्तियों का विकास विषय पर कार्यशाला

राजयोग के द्वारा आंतरिक शक्तियों का विकास विषय पर कार्यशाला

राजनांदगांव – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय राजनांदगांव द्वारा बल्देव बाग स्थित इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों के लिए “आंतरिक शक्तियों का विकास” विषय पर आज कार्यशाला का आयोजन किया गया था । मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित ब्रह्माकुमारी प्रभा बहन जी ने राजयोग के अभ्यास से होने वाले लाभ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मन में उठने वाले विचारों के प्रति सजग रहना तथा उसे नियंत्रित कर उसकी गति कम करने की कला हम राजयोग से सीखते है । हमारे मन में कई प्रकार के विचार आते है जैसे सकारात्मक , नकारात्मक, आवश्यक एवं व्यर्थ । नकारात्मक एवं व्यर्थ विचार हमारे मन की शक्तियों को घटाते है तथा सकारात्मक एवं आवश्यक विचार हमारे मन की शक्तियों को बढ़ाते है । राजयोग के अभ्यास से हमारे मन में सकारात्मक विचार चलते है जिससे मन की शक्ति में वृद्धि होती है । साथ हीं प्रभा बहन जी ने उपस्थित सभी जवानों को राजयोग का अभ्यास कराकर गहन शांति की अनुभूति कराई ।
इसके पूर्व ब्रह्माकुमार झालम भाई ने उपस्थित सभी जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार भविष्य में आने वाली किसी आपदा में सुरक्षित रहने के लिए हम पूर्व तैयारी करते है। अपने शरीर को तंदुरुस्त रखते है बारिश से बचने के लिए घरों की मरम्मत करते है इत्यादि । इसी प्रकार अचानक हमारे जीवन में आने वाली पारिवारिक, शारीरिक, आर्थिक या अन्य समस्याओं के लिए मन की शक्तियों का विकास करना बहुत आवश्यक है जिससे हम विपरित स्थिति में सुरक्षित रह सके । जैसे सहनशक्ति , धैर्य की शक्ति , सकारात्मक सोच की शक्ति , क्षमा करने की शक्ति , सामना करने की शक्ति , सहयोग शक्ति इत्यादि । इसके लिए हमें प्रतिदिन मेडिटेशन का अभ्यास करना चाहिए ।
श्री अनवर इलाही उप महानिरीक्षक भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल महोदय के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला में बल के तनाव परामर्शदाता सहायक सेनानी श्री विजय कुमार द्वारा कार्य स्थल पर तनावमुक्त होकर कार्य करने हेतु प्रेरित किया व मन मे आने वाले बुरे विचारों पर नियंत्रण के लिए नियमित योगा/मेडिटेशन व सकारात्मक सोच बनाए रखने की सलाह दी साथ ही ब्रह्माकुमारीज से उपस्थित अतिथियों को सूक्ष्म भेंट प्रदान कर आभार जताया । इस आयोजन में ब्रह्माकुमारी रंभा बहन जी सहित आईटीबीपी के 22 पदाधिकारी उपस्थित थे ।
अन्त में सभी ने तालियों से इस आयोजन का धन्यवाद किया I

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